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दिल्ली में प्रदूषण से बचने का अनोखा तरीका: पीटर और नीनो का एक्वापोनिक्स घर

दिल्ली, जो भारत की राजधानी और उत्तर भारत के दो बड़े राज्यों को जोड़ने वाला एक प्रमुख शहर है, इन दिनों अपने प्रदूषण से जूझ रहा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) हर साल 400 के पार पहुंचता है, जिससे दिल्ली की हवा इतनी जहरीली हो जाती है कि उसमें सांस लेना किसी के लिए भी खतरे से खाली नहीं होता। लेकिन इसी दिल्ली में एक घर ऐसा भी है, जो प्रदूषण से पूरी तरह बचा हुआ है और जहां हवा का AQI महज 15 है, जैसा कि किसी हिल स्टेशन पर होता है। यह घर एक स्वर्ग बन चुका है, जहां रहने वाले लोग ताजगी और शुद्ध हवा का आनंद लेते हैं।


पीटर और नीनो का घर: एक्वापोनिक्स तकनीक से सजा हुआ स्वर्ग

पीटर सिंह और उनकी पत्नी नीनो कौर ने अपने घर को एक प्रदूषण मुक्त और शुद्ध वातावरण में बदलने के लिए एक्वापोनिक्स तकनीक को अपनाया। दिल्ली की भीषण गर्मी में जब तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, उनका घर हमेशा ठंडा रहता है। यहां का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से ऊपर नहीं जाता। इस चमत्कारी तापमान को संभव बनाया है एक्वापोनिक्स तकनीक ने।

क्या है एक्वापोनिक्स?

एक्वापोनिक्स एक ऐसी तकनीक है, जिसमें मछली पालन और बिना मिट्टी के पौधों को उगाने की प्रक्रिया को एक साथ किया जाता है। इसमें मछलियों के टैंक से पानी में मौजूद पोषक तत्व पौधों के लिए खाद का काम करते हैं, और बदले में पौधे पानी को शुद्ध कर देते हैं, जो फिर से मछलियों के टैंकों में वापस चला जाता है। इस तकनीक से न केवल पानी की बचत होती है, बल्कि यह पूरी प्रणाली पारिस्थितिकी तंत्र के तौर पर काम करती है, जिससे प्रदूषण भी कम होता है।

पानी की बचत और सस्टेनेबल जीवनशैली

पीटर और नीनो ने अपने घर में चार बड़े मछली के टैंक लगाए हैं। इन टैंकों में मछलियों का पालन किया जाता है, और टैंकों से निकलने वाला पानी पौधों की वृद्धि में मदद करता है। इस प्रक्रिया से पानी की अत्यधिक बचत होती है, क्योंकि इस प्रणाली में पानी का पुनः उपयोग किया जाता है। उनका घर हर दिन केवल 1,000 लीटर पानी का उपयोग करता है, और हर बूंद का पुनः इस्तेमाल होता है। यह तरीका न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह जल संकट के समाधान की दिशा में भी एक अहम कदम है।

घर को हरा-भरा बगीचा बनाना

पीटर और नीनो के घर में 15,000 से अधिक पौधे उगाए गए हैं, और यह सब बिना मिट्टी और बिना रासायनिक खाद के। यह पौधे एक्वापोनिक्स तकनीक के जरिए उगाए गए हैं, जहां मछलियों के टैंक से मिलने वाले पोषक तत्व पौधों को स्वस्थ और हरा-भरा रखने के लिए पर्याप्त होते हैं। इस तकनीक ने उनके घर को एक हरे-भरे बगीचे में बदल दिया है, जो न केवल खूबसूरत है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है।


नवीनतम जीवनशैली का प्रतीक

नीनो को कैंसर होने के बाद उन्होंने अपने जीवन को पूरी तरह से बदलने का फैसला किया। इस निर्णय के बाद उन्होंने एक्वापोनिक्स तकनीक को अपनाया, जिससे उनके जीवन में न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक शांति भी आई। यह घर उनके जीवन के एक नए अध्याय का प्रतीक बन गया है, जो सस्टेनेबल और स्वच्छ जीवनशैली की दिशा में एक कदम और बढ़ाता है।

समाप्ति

पीटर और नीनो का घर यह साबित करता है कि अगर हम सही तकनीक और दृढ़ निश्चय के साथ कदम बढ़ाएं, तो प्रदूषण और जल संकट जैसी चुनौतियों का समाधान निकाला जा सकता है। उनका घर न केवल एक प्रदूषण मुक्त स्थान है, बल्कि यह सस्टेनेबल और पर्यावरणीय जीवनशैली की दिशा में एक प्रेरणास्त्रोत बन चुका है।

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